Vinod Kambli ने Sachin Tendulkar का हाथ पकड़कर नहीं छोड़ा, भारत के महान क्रिकेटर के स्टेज पर आते ही भावुक मुलाकात

12/4/2024

विनोद कांबली ने सचिन तेंदुलकर का हाथ पकड़कर नहीं छोड़ा, भारत के महान क्रिकेटर के स्टेज पर आते ही भाव
विनोद कांबली ने सचिन तेंदुलकर का हाथ पकड़कर नहीं छोड़ा, भारत के महान क्रिकेटर के स्टेज पर आते ही भाव

सचिन तेंदुलकर ने अपने बचपन के दोस्त और पूर्व भारतीय बल्लेबाज विनोद कांबली से एक स्मारक कार्यक्रम के दौरान मुलाकात की, जो उनके कोच रमाकांत आचरेकर को समर्पित था।


3 दिसंबर को मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम में, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली का भावुक पुनर्मिलन हुआ। यह कार्यक्रम उनके मेंटर और महान क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर को समर्पित था, जिन्होंने इन दोनों क्रिकेटरों के करियर को आकार दिया। यह मौका दोनों के लिए गहरी भावनाओं और यादों से भरा था।

आचरेकर के छात्र रहे तेंदुलकर और कांबली ने अपने स्कूल क्रिकेट के दिनों में 664 रनों की विश्व रिकॉर्ड साझेदारी की थी, जो उनकी अद्वितीय बल्लेबाजी प्रतिभा को दर्शाती है। हालांकि तेंदुलकर ने क्रिकेट इतिहास में सबसे शानदार करियर बनाया, वहीं कांबली का करियर संघर्षों और उतार-चढ़ाव से भरा रहा। इसके बावजूद, दोनों के बीच एक अटूट बंधन है।

एक वीडियो, जो तेजी से वायरल हुआ, उसमें तेंदुलकर को कांबली से मिलते हुए देखा गया। कांबली अपने बचपन के दोस्त का हाथ छोड़ने को तैयार नहीं थे। तेंदुलकर ने आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन कांबली ने उनका हाथ मजबूती से पकड़े रखा।

आखिरकार, होस्ट के कई बार पुकारने के बाद तेंदुलकर को आगे बढ़ना पड़ा। एक अन्य वीडियो में कांबली ने तेंदुलकर को गर्मजोशी से गले लगाया और उनका सिर छूकर सम्मान जताया।

इस स्मारक कार्यक्रम में अन्य पूर्व क्रिकेटरों और आचरेकर के शिष्यों, जैसे परस महाम्ब्रे, प्रवीन आमरे, बलविंदर सिंह संधू, समीर दिघे और संजय बांगर ने भी शिरकत की, जिनके करियर पर आचरेकर की कोचिंग का गहरा प्रभाव रहा।

“मास्टर ब्लास्टर” के नाम से मशहूर तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान बल्लेबाजों में से एक बने, जिनके नाम कई रिकॉर्ड और पुरस्कार हैं। दूसरी ओर, कांबली ने अपने करियर की शुरुआत में अपार प्रतिभा दिखाई, अपने पहले दो टेस्ट मैचों में लगातार दोहरे शतक लगाए, लेकिन उनका करियर लगातार अस्थिर प्रदर्शन के कारण जल्दी समाप्त हो गया।

कांबली ने सिर्फ 17 टेस्ट और 104 वनडे खेले और 2000 में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त किया।
मैदान के बाहर, कांबली ने कई चुनौतियों का सामना किया, जिनमें वित्तीय समस्याएं भी शामिल हैं। 2022 में कांबली ने खुलासा किया कि वह बीसीसीआई से मिलने वाली पेंशन पर ही अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। हाल के महीनों में कांबली की स्थिति और भी मुश्किलों भरी रही, एक वीडियो में उन्हें चलते हुए संघर्ष करते हुए देखा गया। हालांकि, कांबली ने खराब स्वास्थ्य की अफवाहों का खंडन किया।

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