Tuhin Kanta Pandey बने नए सेबी अध्यक्ष, 3 साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त, माधबी पुरी बुच की लेंगे जगह
3/1/2025


भारत सरकार के वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है।
वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जो 28 फरवरी 2025 को अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करेंगी।
सरकार की घोषणा
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा 27 फरवरी 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे (IAS 1987 बैच) को तीन साल के लिए सेबी का 11वां अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
माधबी पुरी बुच का कार्यकाल और उनके सुधार
माधबी पुरी बुच, जो सेबी की पहली महिला अध्यक्ष थीं, ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नियामकीय सुधार किए।
डेरिवेटिव बाजार पर सख्त नियम लागू किए, जिससे खुदरा निवेशकों को जोखिम भरे वित्तीय उत्पादों पर सट्टेबाजी से बचाया जा सके।
छोटे निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश विकल्पों को बढ़ावा दिया और वित्तीय निवेश को अधिक समावेशी बनाया।
कॉरपोरेट्स और फंड हाउस के लिए कड़े खुलासे (disclosures) लागू किए।
इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े नियमों में व्यापक बदलाव किए, जिससे भारत इस क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी बाजार बन सका।
सेम-डे सेटलमेंट की दिशा में भारतीय बाजार को आगे बढ़ाया।
वित्त क्षेत्र में तुहिन कांत पांडे का अनुभव
1987 बैच के आईएएस अधिकारी, तुहिन कांत पांडे वित्त मंत्रालय में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं।
1. राजस्व विभाग और बजट 2025
9 जनवरी 2025 को उन्होंने भारत के राजस्व सचिव का पद संभाला था।
बजट 2025 में उन्होंने ₹1 लाख करोड़ के टैक्स राहत प्रावधान तैयार किए।
नए आयकर विधेयक (Income Tax Bill) के मसौदे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे 1961 के पुराने आयकर अधिनियम को बदला जाएगा।
2. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM)
24 अक्टूबर 2019 से 8 जनवरी 2025 तक, उन्होंने DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) के सचिव के रूप में कार्य किया।
सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों (CPSEs) के विनिवेश को तेज किया।
एयर इंडिया के निजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई – 2021 में टाटा समूह को ₹18,000 करोड़ में बेचा गया और 2022 में टाटा ने इसे टेकओवर किया।
IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
3. अन्य प्रशासनिक भूमिकाएं
योजना आयोग (अब नीति आयोग) में संयुक्त सचिव रहे।
कैबिनेट सचिवालय और वाणिज्य मंत्रालय में भी सेवाएं दीं।
ओडिशा सरकार में कई विभागों का नेतृत्व किया, जिनमें स्वास्थ्य, प्रशासन, वाणिज्य कर, परिवहन और वित्त विभाग शामिल हैं।
ओडिशा राज्य वित्त निगम के कार्यकारी निदेशक और ओडिशा स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक भी रहे।
शिक्षा और योग्यता
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (MA Economics)।
यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम (UK) से MBA।
भारत के शेयर बाजार पर प्रभाव
तुहिन कांत पांडे ऐसे समय में सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे जब भारतीय शेयर बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली से दबाव में है। जनवरी 2025 से अब तक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने ₹1 लाख करोड़ से अधिक की निकासी की है।
उनके कार्यकाल में, भारतीय शेयर बाजार के लिए नए नियामकीय सुधार, विदेशी निवेश को संतुलित करने की नीति और वित्तीय पारदर्शिता पर जोर दिया जा सकता है।
निष्कर्ष
तुहिन कांत पांडे की नियुक्ति भारतीय वित्तीय बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। सेबी के नए अध्यक्ष के रूप में, उनसे नए निवेश नियमों, छोटे निवेशकों की सुरक्षा, और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के उपायों पर काम करने की उम्मीद की जा रही है।
News
Stay updated with the latest news articles here.
e-mail:
news@khabaroutlet24.com
© 2024 KhabarOutlet24. All rights reserved.

