Re-establishment of Livelihood: संघर्ष और सामुदायिक समर्थन की कहानी

9/27/2024

a livelihood story
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रोज़गार फिर से शुरू हुआ

गाँव मरहाणा में क़िरती परिवार की रोज़ी-रोटी के सहारे को किसी ने आग लगा दी थी। जग्गी मरहाणा जी की ओर से अगले हफ्ते तक एक बेहतर शेड रूपी दुकान तैयार कर दी जाएगी।

जब तक दुकान तैयार नहीं होती, तब तक रोज़ी-रोटी के सहारे को जारी रखने के लिए कुक्कू झांजी जी द्वारा भेजी गई मदद राशि में से 5000 रुपये का सामान (टॉफियाँ, गोलियाँ और स्कूल स्टेशनरी) ले दिया गया है। इस दौरान ठेले पर सामान रखकर काम चलाया जाएगा।

आज पिताजी ने पहले दिन फिर से काम शुरू किया। जब मैं मिलने गया तो वाहेगुरु का शुक्राना करते हुए वे भावुक हो गए, बहुत खुश हुए और खुशी में आँसू भी बहाए।

जब दुकान तैयार हो जाएगी, तब बाकी के 15000 रुपये का ज़रूरी सामान (टॉफियाँ, स्कूल स्टेशनरी और दो-तीन बेंच) ले दिया जाएगा।

सारा क़िरती परिवार और मेरा परिवार कुक्कू झांजी जी का तहे दिल से धन्यवाद करते हुए, अकाल पुरख के चरणों में अरदास करते हैं कि कुक्कू भाई को लंबी उम्र और और अधिक तरक्की मिले।

— भजन पेंटर