PM Modi का 'ऑपरेशन सिंदूर' भाषण और 'स्माइलिंग बुद्धा' से जुड़ा दिलचस्प संबंध
5/13/2025


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में ‘शांति’ शब्द का उपयोग करते हुए एक जरूरी शर्त भी जोड़ी: “अगर पाकिस्तान को अपना वजूद बचाना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को पूरी तरह समाप्त करना होगा। शांति का और कोई रास्ता नहीं है।”
18 मई 1974 को जब भारत ने राजस्थान के पोखरण परीक्षण स्थल पर अपना पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक कोड संदेश भेजा गया—“बुद्ध मुस्कुरा रहे हैं।” उस दिन बुद्ध पूर्णिमा थी, यानी भगवान गौतम बुद्ध के जन्म का पावन पर्व। इसी वजह से परीक्षण कोडनेम रखा गया था। इस परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर दिया और 1998 में उसने भी परमाणु परीक्षण कर डाले।
51 वर्ष बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी बुद्ध पूर्णिमा के दिन पाकिस्तान को एक सख्त संदेश दिया:
“भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। जो आतंकवादी ठिकाने परमाणु धमकी की आड़ में फल-फूल रहे हैं, उन पर भारत सटीक और निर्णायक कार्रवाई करेगा।”
इंदिरा गांधी सरकार ने उस समय इस परमाणु परीक्षण को “शांतिपूर्ण” बताया था।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने “शांति” शब्द का इस्तेमाल किया, लेकिन साथ में स्पष्ट शर्त रखी—“अगर पाकिस्तान को जीवित रहना है, तो उसे अपने आतंक के ढांचे को ध्वस्त करना होगा। शांति का दूसरा कोई रास्ता नहीं है।”
‘बुद्ध फिर मुस्कुराए’
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी के उस वक्तव्य की याद दिलाता है, जो उन्होंने 11 मई 1998 को पोखरण में तीन भूमिगत परमाणु परीक्षणों के बाद दिया था। इन परीक्षणों के दो दिन बाद भारत ने दो और परीक्षण किए।
वाजपेयी ने अपने बयान में “शांतिपूर्ण” शब्द के प्रयोग से परहेज किया था।
गौरतलब है कि वाजपेयी सरकार ने भी परमाणु परीक्षण के लिए बुद्ध पूर्णिमा का ही दिन चुना था। इस परीक्षण को ‘ऑपरेशन शक्ति’ नाम दिया गया, लेकिन यह व्यापक रूप से ‘बुद्ध फिर मुस्कुराए’ के नाम से जाना गया।
‘शक्ति से होकर गुजरता है शांति का मार्ग’
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण उस समय आया जब भारत ने अपने परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ 100 घंटे के सैन्य संघर्ष के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी गई थी।
7 मई की सुबह, भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी अड्डों पर मात्र 25 मिनट में निशाना साधा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ भारत की इस कार्रवाई को समर्थन देने के बजाय, पाकिस्तान ने उल्टा भारत पर हमले शुरू कर दिए।”
उन्होंने चेताया, “अगर भारत पर कोई आतंकी हमला होता है, तो जवाब हम अपने तरीके से और पूरी ताकत से देंगे।”
प्रधानमंत्री ने अपना भाषण भगवान बुद्ध के शांति संदेश के साथ समाप्त किया:
“आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का मार्ग दिखाया है।”
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक गहरा संकेत भी दिया—“शांति का मार्ग शक्ति से होकर भी गुजरता है।”
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