New Toll Collection System

9/12/2024

टोल संग्रह का एक नया तरीका है जीपीएस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल। इस तरीके में, ट्रकों में एक ऑन-बोर्ड यूनिट (ओबीयू) लगा होता है जो उनकी स्थिति और यात्रा का डेटा स्टोर करता है और टोलिंग फीस का निर्णय करता है। यह डेटा मोबाइल डेटा कम्युनिकेशन द्वारा डेटा सेंटर में भेजा जाता है और बिलिंग के लिए प्रोसेस किया जाता है।

इसके अलावा, टोल संग्रह के लिए इंफ्रारेड और डेडिकेटेड शॉर्ट-रेंज कम्युनिकेशन (डीएसआरसी) इंटरफेस का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह इंटरफेस स्टेशनरी एनफोर्समेंट गैन्ट्री और मोबाइल एनफोर्समेंट के साथ डेटा एक्सचेंज करने में मदद करते हैं।

टोल संग्रह के लिए एक और तरीका है वेब एप्लिकेशन का इस्तेमाल। इस तरीके में, ट्रक मालिक अपनी यात्रा की एडवांस बुकिंग कर सकते हैं और उनकी टोलिंग फीस का भुगतान कर सकते हैं।

इन सभी तरीकों का इस्तेमाल मिलाकर टोल संग्रह को और भी कुशल और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

टोल संग्रह के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे कि:

1. इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी): यह सिस्टम टोल प्लाजा पर लगे गेट्स को खोलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वाहनों को रुकने की जरूरत नहीं होती है।

2. रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी): यह तकनीक वाहनों में लगे टैग्स को पढ़ने के लिए इस्तेमाल की जाती है, जिससे टोल संग्रह किया जा सकता है।

3. जीपीएस और मोबाइल ऐप्स: ये तकनीकें वाहनों की स्थिति को ट्रैक करने और टोल संग्रह के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं।

4. ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर): यह तकनीक वाहनों की नंबर प्लेट को पढ़ने के लिए इस्तेमाल की जाती है, जिससे टोल संग्रह किया जा सकता है।

इन तकनीकों का इस्तेमाल करके टोल संग्रह को और भी कुशल और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

ये सभी तकनीकों का इस्तेमाल करके टोल संग्रह को और भी कुशल और सुरक्षित बनाया जा सकता है। इनमें से कुछ तकनीकों का इस्तेमाल करने से लागत भी कम हो सकती है, जैसे कि:

- इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) से टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता है, इसलिए समय और ईंधन की बचत होती है।

- आरएफआईडी और जीपीएस तकनीक से टोल संग्रह को ऑटोमेटेड किया जा सकता है, इसलिए मैनुअल श्रम की जरूरत नहीं होती है।

- मोबाइल ऐप्स से उपयोगकर्ता अपने टोल का भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं, इसलिए लागत कम होती है।

लेकिन, कुछ तकनीकों का इस्तेमाल करने से लागत भी बढ़ सकती है, जैसे कि:

- एएनपीआर तकनीक को लागू करने के लिए महंगा उपकरण की जरूरत होती है।

- ईटीसी और आरएफआईडी तकनीक को लागू करने के लिए भी कुछ लागत आती है।

इसलिए, ये सभी तकनीकों का इस्तेमाल करने से पहले, उनकी लागत और फायदे को ध्यान से देखना चाहिए।

इस प्रणाली से प्रभावित होकर बेरोजगार होने वाले लोगों के बारे में अभी तक कोई योजना सुनने में नहीं आई है।