हम 24 जनवरी को National Girl Child Day क्यों मनाते हैं?
1/24/2025


इस वर्ष के राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम है ‘उज्जवल भविष्य के लिए लड़कियों को सशक्त बनाना’।
भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने की थी, ताकि लड़कियों के सामने आने वाली समस्याओं, जैसे शिक्षा की कमी, बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इस वर्ष की थीम है ‘उज्जवल भविष्य के लिए लड़कियों को सशक्त बनाना’।
इस दिन का उद्देश्य लड़कियों को समान अवसर प्रदान करना, उन्हें अच्छी स्वास्थ्य और शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना और उन्हें सशक्त बनाना है। यह दिन लड़कियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और एक ऐसे भविष्य को प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है जहां उन्हें समान सम्मान और अवसर दिए जाएं। यह उनके अधिकारों और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास है। बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उन्हें सम्मान देना और बिना किसी भेदभाव के उनके साथ समान व्यवहार करना बहुत जरूरी है।
आज लड़कियां हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लड़कियों को हर क्षेत्र में अवसर मिलें और यह प्रगति जारी रहे। विशेष रूप से, माता-पिता को अपनी बेटियों के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उन्हें हर संभव प्रोत्साहन और समर्थन देना चाहिए।
सरकार द्वारा बालिकाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही कुछ योजनाएं निम्नलिखित हैं:
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: यह योजना 22 जनवरी 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य गिरते हुए बाल लिंग अनुपात को सुधारना और बालिकाओं की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करना है।
उड़ान: 2014 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा शुरू की गई यह योजना प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में लड़कियों के कम नामांकन को सुधारने और स्कूल व इंजीनियरिंग शिक्षा के बीच की खाई को पाटने के लिए बनाई गई है।
किशोरी बालिका योजना: यह योजना 11-14 वर्ष की उम्र की स्कूल से बाहर की लड़कियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करती है, ताकि उनकी पोषण स्थिति में सुधार हो सके।
लड़कियों के माध्यमिक शिक्षा के लिए प्रोत्साहन योजना: मई 2008 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों की लड़कियों के लिए शैक्षिक अवसर बढ़ाना है।
ग्रामीण भारत में किशोरी बालिकाओं में मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने की योजना: 2011 से चल रही यह योजना 10-19 वर्ष की लड़कियों में मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
सुकन्या समृद्धि योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी 2015 में शुरू की गई यह योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का हिस्सा है।
बाल संरक्षण सेवा योजना: इस योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों (CCIs) के माध्यम से कठिन परिस्थितियों में बच्चों के लिए पुनर्वासात्मक सहायता प्रदान की जाती है।
पोषण अभियान: 8 मार्च 2018 को शुरू किया गया यह अभियान देशभर में कुपोषण की समस्याओं को हल करने के लिए ICT एप्लिकेशन, समुदाय जुटाना, व्यवहार परिवर्तन, जन आंदोलन, क्षमता निर्माण और नवाचार जैसे तत्वों के माध्यम से काम करता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस हमें यह याद दिलाता है कि एक ऐसी समाज व्यवस्था बनाना कितना महत्वपूर्ण है, जहां लड़कियां बिना किसी बाधा के अपने लक्ष्य हासिल कर सकें और अपने सपनों को साकार कर सकें।
News
Stay updated with the latest news articles here.
e-mail:
news@khabaroutlet24.com
© 2024 KhabarOutlet24. All rights reserved.

