Mumbai fraud: निवेशकों ने दादर में टोरेस ज्वेलरी के ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन, कंपनी ने CEO को ठहराया जिम्मेदार

1/7/2025

Mumbai fraud
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टोरेस घोटाला: मुंबई के दादर में निवेशकों की भारी भीड़ टोरेस ज्वेलरी के ऑफिस के बाहर जमा हुई और अपनी निवेश योजनाओं पर वादे के अनुसार रिटर्न न मिलने पर रिफंड की मांग की।

क्या है मामला?


लोकमत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने लाखों रुपये ऐसी योजनाओं में लगाए थे, जो उन्हें आकर्षक रिटर्न देने का वादा करती थीं। शुरुआत में कंपनी ने किस्तों का भुगतान किया, लेकिन पिछले दो हफ्तों से किस्तें जारी नहीं की गईं, जिससे परेशान निवेशक दादर स्थित ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने लगे। मुंबई पुलिस मौके पर पहुंची और ऑफिस के बाहर सुरक्षा तैनात कर दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी का मालिक फिलहाल विदेश में रह रहा है।

टोरेस घोटाले का खुलासा

इस योजना के तहत कंपनी ने निवेश पर हर हफ्ते 10% का रिटर्न देने का वादा किया था। हालांकि, निवेशकों का कहना है कि उन्हें पिछले दो हफ्तों से कोई भुगतान नहीं मिला और न ही कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी दी गई। यह योजना पिछले एक साल से मुंबई के कई इलाकों में चल रही थी। दिसंबर तक टोरेस नियमित रूप से भुगतान कर रही थी, लेकिन पिछले दो हफ्तों से निवेशकों को कोई रकम नहीं मिली है।
अब निवेशकों की मांग है कि उन्हें ब्याज नहीं चाहिए, बस उनकी मूल राशि वापस दी जाए।

कंपनी ने CEO पर फोड़ा ठीकरा

टोरेस ज्वेलरी के मुंबई में ग्रांट रोड, नवी मुंबई, कल्याण और मीरा रोड सहित कई इलाकों में शोरूम हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ निवेशकों को धोखा देने की शिकायतें दर्ज कर ली गई हैं। हालांकि, कंपनी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपने CEO तौसीफ रियाज को इस धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पोस्ट में कहा गया, "हमें पहले ही पता चल गया था कि उन्होंने एक धोखाधड़ी योजना चलाई और कई महीनों तक व्यवस्थित रूप से कंपनी का पैसा हड़प लिया।"

कैसे काम करता था घोटाला?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यदि कोई ग्राहक स्टोर द्वारा चलाई गई योजना में ₹1 लाख का निवेश करता, तो उसे मोइसानाइट स्टोन वाले पेंडेंट पर ₹10,000 की छूट मिलती। साथ ही, निवेशकों को 52 हफ्तों में निवेश की गई राशि पर 6% रिटर्न देने का वादा किया गया था।
इस योजना की शुरुआत फरवरी 2024 में हुई थी और इसे फरवरी 2025 तक पूरा होना था, लेकिन दो हफ्ते पहले ही कंपनी ने भुगतान बंद कर दिया।