Manasi Joshi won gold medal पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में

9/4/2024

मानसी ने पैरा-बैडमिंटन में अपनी पहचान बनाई।

उन्होंने 2019 में स्विट्जरलैंड में आयोजित पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। इस उपलब्धि के लिए उन्हें 'टाइम्स नाउ' द्वारा 'टाइम्स पावर वुमन 2019' के खिताब से सम्मानित किया गया। उन्हें 2020 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया गया।

मानसी जोशी ने अपने साहस और संघर्ष से न केवल खुद को बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। वह दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं और उनके संघर्ष और समर्पण की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में मानसी जोशी ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पैरा-बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीता।मानसी ने अपने खेल में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया और अपने अद्वितीय कौशल और धैर्य से सभी को प्रभावित किया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। मांसी का यह प्रदर्शन पैरालंपिक्स में भारतीय पैरा-एथलीटों की बढ़ती ताकत और सफलता को दर्शाता है।

मानसी जोशी की संघर्ष की कहानी बहुत प्रेरणादायक है। उनका जीवन एक साधारण युवती से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पैरा-एथलीट बनने तक की यात्रा का उदाहरण है, जो दिखाता है कि मुश्किल हालातों का सामना कैसे किया जा सकता है।

मानसी का जन्म 6 जून 1989 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। वह एक सामान्य जीवन जी रही थीं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रही थीं। लेकिन 2011 में, उनकी जिंदगी ने अचानक एक नया मोड़ लिया। एक सड़क दुर्घटना में मांसी ने अपना एक पैर खो दिया। यह उनके और उनके परिवार के लिए एक बहुत ही कठिन समय था। लेकिन मांसी ने हार मानने के बजाय, इस घटना को अपने जीवन का नया अध्याय बनाने का फैसला किया।

इस हादसे के बाद, मानसी ने खेलों की ओर ध्यान केंद्रित किया और पैरा-बैडमिंटन में अपनी रुचि विकसित की। अपने नए जीवन के साथ तालमेल बिठाते हुए, मांसी ने खेल में खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया। उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत ने उन्हें जल्द ही सफलता दिलाई। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई पदक जीते।

2019 में, मांसी ने स्विट्जरलैंड में आयोजित पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी पहचान को और मजबूत किया। यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत और असाधारण कौशल का परिणाम थी। इसके बाद, उन्हें 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया, जो उनके संघर्ष और समर्पण को मान्यता देने का एक प्रतीक था।

मानसी की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनके संघर्ष ने दिखाया कि एक मुश्किल समय में भी, आत्मविश्वास, मेहनत, और संकल्प से जीवन को नए सिरे से जिया जा सकता है।

Manasi Joshi
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