Maharashtra polls: उद्धव या शिंदे, ठाणे किसकी सेना को चुनेगा?
11/20/2024
2022 में शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बाद, इसके संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट अब बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।
शिवसेना का ठाणे से गहरा जुड़ाव
1967 में शिवसेना ने ठाणे नगर परिषद चुनाव में पहली बार जीत हासिल की थी। तब से, पार्टी ने ठाणे में अपनी उपस्थिति बनाए रखी है। बाल ठाकरे का ठाणे शहर से भावनात्मक जुड़ाव था। आज वही शहर उनके बेटे उद्धव ठाकरे की राजनीतिक ताकत के लिए परीक्षा साबित हो सकता है।
ठाणे की चार विधानसभा सीटों पर मुकाबला
ठाणे की चार विधानसभा सीटों में से, उद्धव गुट (सैनिक शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे - UBT) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।
कोपरी-पंचपखाड़ी: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ में, उद्धव गुट ने उनके गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे को उम्मीदवार बनाया है।
ठाणे सिटी: यहां उद्धव गुट के पूर्व सांसद राजन विचारे का मुकाबला भाजपा विधायक संजय केलकर से है।
ओवला-मजीवाड़ा: यहां शिवसेना के मौजूदा विधायक प्रताप सरनाईक का सामना उद्धव गुट के नरेश मनेरा से है।
कलवा-मुंब्रा: यहां एनसीपी (शरद पवार गुट) और अजित पवार गुट के बीच मुकाबला है।
एकनाथ शिंदे का प्रभुत्व
2001 में आनंद दिघे की मृत्यु के बाद, ठाणे में शिवसेना की कमान एकनाथ शिंदे ने संभाली। 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, ठाणे जिले में अधिकांश शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शिंदे का साथ दिया। 80 शाखा प्रमुखों और 65 पूर्व पार्षदों में से 62 शिंदे के खेमे में चले गए।
ठाणे की बदलती राजनीति
पिछले दो दशकों में ठाणे का स्वरूप बदला है। औद्योगिक क्षेत्रों की जगह आईटी कंपनियां और कॉल सेंटर आ गए हैं। नए इलाकों में गैर-मराठी लोगों की संख्या बढ़ी है, जिससे भाजपा को बढ़त मिली है।
संघर्ष और संभावनाएं
ठाणे सिटी सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा के संजय केलकर, उद्धव गुट के राजन विचारे, और मनसे के अविनाश जाधव चुनावी मैदान में हैं।
क्या बाल ठाकरे का ठाणे से भावनात्मक जुड़ाव उनके बेटे उद्धव ठाकरे को फायदा पहुंचा पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
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