Krafton पर यूज़र डेटा बेचने का आरोप: BGMI निर्माता के खिलाफ मामला 15 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट में होगा सुनवाई — जानिए पूरा मामला

4/10/2025

Krafton
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लोकप्रिय ऑनलाइन गेम बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) के निर्माता क्राफ्टन इंडिया पर यूज़र्स का डेटा बेचने के आरोप लगे हैं। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट 15 अप्रैल 2025 को सुनवाई करेगी।

क्या है मामला?


Talkesport.com की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र निवासी संतोष तोरणे द्वारा क्राफ्टन इंडिया के खिलाफ टेलीग्राम पर यूज़र डेटा बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायत में कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन, डेटा चोरी और अनधिकृत डेटा साझा करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

BGMI की क्राफ्टन के खिलाफ एफआईआर में क्या आरोप हैं?


यह एफआईआर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के अकलूज पुलिस स्टेशन में सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता संतोष तोरणे ने अगस्त 2021 में एक ऑनलाइन सेवा अनुबंध स्वीकार किया था, जिसमें क्राफ्टन और उसके चार अधिकारियों द्वारा गोपनीयता की शर्तों का उल्लंघन किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि क्राफ्टन यूज़र डेटा को ₹2,000 प्रति यूज़र के हिसाब से अवैध रूप से बेच रही है। एफआईआर में IPC की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और IT एक्ट की धाराएं 72, 72A और 85 शामिल हैं।

शिकायतकर्ता ने अदालत का रुख किया, 15 अप्रैल को होगी सुनवाई


नवंबर 2023 में अकलूज पुलिस और सोलापुर के पुलिस अधीक्षक को की गई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने के बाद, तोरणे ने माळशिरस की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद अदालत ने अगस्त 2024 में अकलूज पुलिस को सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत जांच के आदेश दिए।

इसके जवाब में क्राफ्टन ने राहत की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की। रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सारंग वी कोटवाल और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की पीठ ने सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए सुनवाई की तारीख 15 अप्रैल 2025 तय की है। तब तक के लिए सभी अंतरिम आदेश बढ़ा दिए गए हैं।

क्राफ्टन का क्या कहना है?


क्राफ्टन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “क्राफ्टन में हम व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और डेटा सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करते हैं। चूंकि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए हम कानूनी प्रक्रिया के पूरे होने के बाद ही कोई स्पष्टीकरण देना उचित समझते हैं।”