Kim Jong's North Korea रूस-यूक्रेन युद्ध में व्लादिमीर पुतिन की मदद के लिए भेज सकता है 1 लाख सैनिक

11/20/2024

किम जोंग की उत्तर कोरिया रूस-यूक्रेन युद्ध में व्लादिमीर पुतिन की मदद के लिए भेज सकता है 1 लाख सैनिक
किम जोंग की उत्तर कोरिया रूस-यूक्रेन युद्ध में व्लादिमीर पुतिन की मदद के लिए भेज सकता है 1 लाख सैनिक

जी20 के आकलनों के अनुसार, उत्तर कोरिया रूस के साथ गठबंधन मजबूत होने पर यूक्रेन में चल रहे युद्ध में मदद के लिए 1 लाख सैनिक भेज सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह तैनाती एक बार में बड़े पैमाने पर न होकर चरणबद्ध रूप से होगी।

यूक्रेन के राजदूत की चिंता


इससे पहले दक्षिण कोरिया में यूक्रेन के राजदूत दिमित्रो पोनोमारेन्को ने भी ऐसी ही चिंता जताई थी। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि शुरुआती तौर पर 15,000 उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र और पूर्वी यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों में तैनात किए जा सकते हैं, जिन्हें हर कुछ महीनों में रोटेट किया जाएगा।

यूक्रेन के सहयोगियों की चिंता


यह खबर यूक्रेन के सहयोगियों के बीच चिंता बढ़ा रही है, जो इसे संघर्ष में एक बड़ी वृद्धि के रूप में देख रहे हैं। पश्चिमी देशों को डर है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते संबंध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को अस्थिर कर सकते हैं, जो पहले से ही चीन-अमेरिका तनाव से प्रभावित है।

यह मुद्दा ब्राजील में होने वाले आगामी जी20 शिखर सम्मेलन में चर्चा का मुख्य विषय हो सकता है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपनी चिंताओं को सीधे तौर पर साझा किया है। शोल्ज़ ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती संघर्ष को गंभीर रूप से बढ़ा देगी।

चीन की भूमिका


शोल्ज़ ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस मुद्दे पर चर्चा करने की योजना बनाई है। वे बीजिंग से अनुरोध करेंगे कि वह उत्तर कोरिया और रूस पर अपने प्रभाव का उपयोग करके स्थिति को और खराब होने से रोके।
चीन, जो रूस और उत्तर कोरिया का करीबी सहयोगी है, ने इस विषय पर अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। जिनपिंग, जो आमतौर पर कोरियाई प्रायद्वीप पर संघर्ष से बचते रहे हैं, उत्तर कोरिया की भागीदारी को पहले से ही तनावपूर्ण चीन-अमेरिका संबंधों के बीच एक बाधा के रूप में देख सकते हैं।

कुर्स्क में तैनाती और तकनीकी सहयोग की आशंका


रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने पहले ही 10,000 से अधिक सैनिक कुर्स्क क्षेत्र में भेजे हैं, साथ ही हथियार और तोपखाने भी। दक्षिण कोरिया का मानना है कि प्योंगयांग रूस से बदले में उन्नत तकनीक, जैसे सामरिक परमाणु हथियार और मिसाइल सिस्टम, प्राप्त करने की कोशिश कर सकता है।