Indian Army Day 2025 celebrations: पुणे में युद्धकला के विकास का भव्य प्रदर्शन, राजनाथ सिंह होंगे उपस्थित

1/15/2025

Indian Army Day
Indian Army Day

77वां भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को पुणे में एक भव्य लाइट और साउंड शो ‘गौरव गाथा’ के साथ मनाया जाएगा, जिसमें भारतीय युद्धकला के विकास को प्रदर्शित किया जाएगा।

हर साल 15 जनवरी को मनाया जाने वाला 77वां भारतीय सेना दिवस इस बार पुणे में एक विशेष लाइट और साउंड शो के साथ मनाया जाएगा, जिसमें प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक भारतीय युद्धकला के विकास को दर्शाया जाएगा। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे।

‘गौरव गाथा’ नामक यह आयोजन भारतीय महाकाव्यों और आधुनिक युद्धों से प्रेरणा लेगा। समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, इस शो में लाइट, साउंड, लेजर और मल्टी-मीडिया तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह कार्यक्रम पुणे स्थित बॉम्बे इंजीनियर्स ग्रुप (BEG) और सेंटर के भगत पैवेलियन में आयोजित होगा, जो भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के अंतर्गत आता है।

पहली बार पुणे में परेड, ‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ थीम पर होगा आयोजन

‘गौरव गाथा’ कार्यक्रम से पहले एक विशाल परेड का आयोजन किया जाएगा, जो पहली बार पुणे में हो रही है। इस परेड की थीम ‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ होगी। परेड में कई आकर्षण होंगे, जिनमें नेपाल आर्मी बैंड, नेशनल कैडेट कोर (NCC) की ऑल-गर्ल मार्चिंग टुकड़ी, और ‘रोबोटिक खच्चर’ (Robotic Mules) शामिल होंगे।

एक अधिकारी ने बताया, "यदि परेड में सेना के प्लेटफॉर्म और मार्चिंग टुकड़ियों की भागीदारी होगी, तो 'गौरव गाथा' भारतीय युद्धकला के विकास को प्राचीन काल से लेकर समकालीन युग तक प्रदर्शित करेगा। इस शो के लिए विषय हमारे महाकाव्यों और आधुनिक युद्धों से लिए गए हैं।"

'गौरव गाथा' में कौन-कौन से विषय होंगे?

‘गौरव गाथा’ में मुख्य रूप से रामायण और महाभारत के साथ-साथ आधुनिक भारतीय युद्धकला से जुड़े विषयों को दिखाया जाएगा। इसमें शामिल प्रमुख विषय हैं:

  • ‘प्राचीन रणनीति’ (Prachin Ranniti)

  • ‘युद्ध कला’ (Yudh Kala)

  • ‘युद्ध परिवर्तन’ (Yudh Parivartan)

  • ‘युद्ध प्रदर्शन’ (Yudh Pradarshan)

  • ‘शौर्य गाथा’ (Shaurya Gatha)

  • ‘विजयोत्सव’ (Vijayotsav)

किन वीरों को किया जाएगा याद?

करीब 35 मिनट लंबे इस कार्यक्रम में भगवान राम, जिन्होंने ‘वानर सेना’ के साथ युद्ध लड़ा था, मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी, और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडे व भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

रक्षा मंत्री के अन्य कार्यक्रम

‘गौरव गाथा’ से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कुछ अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। वह ‘वीर नारियों’ (Veer Nari) और पूर्व सैनिकों से चाय पर मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वह एक नया ऐप लॉन्च करेंगे और एक आर्मी पैरालंपिक नोड की आधारशिला भी वर्चुअली रखेंगे।

भारतीय सेना दिवस का इतिहास

भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1949 में हुई थी, जब ब्रिटिश सेना अधिकारी जनरल सर फ्रांसिस बुचर ने भारतीय सेना की कमान लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को सौंपी थी।

यह दिन न केवल भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान को सम्मानित करता है, बल्कि औपनिवेशिक शासन से भारतीय सेना को स्वतंत्र कमान मिलने का भी प्रतीक है।

लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा, जो कर्नाटक से थे, भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने। उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया था, और यह उपाधि पाने वाले वह केवल दो भारतीयों में से एक थे, दूसरे थे सैम मानेकशॉ।