harshitha Madhavi -श्रीलंका की हर्षिता मदावी ने अगस्त 2024 के लिए आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ द मंथ
9/16/2024


Source - ICC
श्रीलंका की उभरती हुई सुपरस्टार हर्षिता मदावी ने अगस्त 2024 के लिए आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ द मंथ का खिताब अपने नाम किया।
मदावी ने आयरलैंड की ओर्ला प्रेंडरगास्ट और गैबी लुईस को पीछे छोड़ते हुए यह पुरस्कार जीता। बाएं हाथ की इस प्रतिभाशाली टॉप ऑर्डर बल्लेबाज ने हाल के महीनों में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है और अगस्त में आयरलैंड के खिलाफ अपनी शानदार फॉर्म को जारी रखा।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि पिछले चार में से तीन विजेता श्रीलंका से रहे हैं, जिसमें चामरी अटापट्टू भी शामिल हैं, जिन्होंने मई और जुलाई 2024 में यह खिताब जीता था। मदावी की यह जीत श्रीलंका के लिए एक डबल खुशी लेकर आई, क्योंकि डुनिथ वेलालगे ने अगस्त 2024 के लिए आईसीसी पुरुष प्लेयर ऑफ द मंथ का खिताब जीता। यह 2024 में श्रीलंका की महिलाओं के लिए तीसरा पुरस्कार है, जिसमें अटापट्टू ने मई और जुलाई में यह पुरस्कार हासिल किया था।
भारत के खिलाफ जुलाई के अंत में महिला एशिया कप फाइनल में 69* रन की नाबाद पारी खेलने के बाद, मदावी ने डबलिन पहुंचकर अपना प्रदर्शन और बेहतर किया। उन्होंने दो टी20 मैचों में 86* और 65 रन बनाए और दोनों टीमों में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बनीं।
मदावी ने लंबे प्रारूप में भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी। तीन मैचों की वनडे सीरीज में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ 19, 105, और 48* रन बनाए, जिससे वह फिर से सीरीज की टॉप स्कोरर बनीं। दूसरे वनडे में उनका शतक उन्हें चामरी अटापट्टू और विष्मी गुणरत्ने के बाद श्रीलंका की तीसरी महिला खिलाड़ी बना दिया, जिन्होंने वनडे में शतक लगाया है।
इस पुरस्कार को लेकर मदावी ने इसे अपने करियर का एक विशेष क्षण बताया। उन्होंने कहा, "इस सम्मान से मैं बेहद खुश हूं, जिसे मैं अपने करियर की एक नई ऊंचाई मानती हूं। यह मुझे आगामी बड़े टूर्नामेंट, महिला टी20 विश्व कप से पहले काफी आत्मविश्वास देता है।"
"इस उपलब्धि को हासिल करना मेरे साथी खिलाड़ियों, कोच, माता-पिता, बहन, भाई, दोस्तों और मेंटर्स के समर्थन के बिना संभव नहीं था। मैं इस अवसर पर सभी का धन्यवाद करना चाहती हूं।"
"मैं उन खिलाड़ियों की भी प्रशंसा करना चाहती हूं, जो मेरे साथ इस पुरस्कार के लिए नामांकित थीं। वे बहुत प्रतिभाशाली हैं और उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना मेरे लिए बेहद खुशी की बात थी।"
हर्षिता मदावी का जीवन संघर्ष प्रेरणादायक है, जो एक साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में सफलता पाने तक की कहानी है। श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम की इस प्रतिभाशाली बल्लेबाज ने शुरुआती दौर में कई चुनौतियों का सामना किया।
हर्षिता का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जहां क्रिकेट को लेकर उतनी सुविधाएं नहीं थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, जिससे उन्हें खेल से जुड़ी मूलभूत चीज़ें जुटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया। उनके माता-पिता ने अपनी सीमित आय के बावजूद उनकी ट्रेनिंग और क्रिकेट किट की जरूरतों को पूरा करने की पूरी कोशिश की।
श्रीलंका में महिला क्रिकेट को लेकर शुरुआती दौर में उतनी जागरूकता या संसाधन उपलब्ध नहीं थे, जिससे हर्षिता को अभ्यास के लिए भी बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। उनके पास न तो अच्छे कोच थे और न ही क्रिकेट खेलने के लिए मैदान। इसके बावजूद, उन्होंने खुद से अभ्यास करना शुरू किया और अपनी मेहनत से धीरे-धीरे अपनी पहचान बनानी शुरू की।
अपने शुरुआती क्रिकेट करियर में, हर्षिता को टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मैदान पर उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें धीरे-धीरे टीम में एक अहम खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
हर्षिता की संघर्ष की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। जब उन्होंने टीम में जगह बना ली, तब भी उन्हें कई बार अपनी क्षमता को साबित करने का दबाव झेलना पड़ा। लेकिन उनके संकल्प और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें श्रीलंका की टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों में से एक बना दिया।
आज हर्षिता मदावी उन सभी युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं। उनकी संघर्ष और सफलता की कहानी यह बताती है कि अगर आप में दृढ़ निश्चय और समर्पण हो, तो आप किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।



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