53 की मौत, 60 से ज्यादा घायल, तिब्बत में earthquake से कई इमारतें गिरीं
1/7/2025
भूकंप सुबह 9:05 बजे (0105 GMT) आया, जिसका केंद्र तिंगरी में स्थित था। यह एक ग्रामीण काउंटी है, जो एवरेस्ट क्षेत्र का उत्तरी प्रवेश द्वार माना जाता है।
मंगलवार को तिब्बत के शिगात्से शहर के पास हिमालय की उत्तरी तलहटी में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और 62 घायल हो गए। झटकों से नेपाल, भूटान और भारत सहित आसपास के देशों में भी इमारतें हिल गईं।
क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, भूकंप ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगात्से में स्थित डिंगरी काउंटी को झकझोर दिया। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के अनुसार, यह भूकंप 10 किमी (6.2 मील) की गहराई पर आया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारक CCTV ने पुष्टि की कि तिब्बत में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है।
दिल्ली-एनसीआर और बिहार समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप से जुड़ी मुख्य बातें:
नेपाल में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई इलाकों में महसूस किए गए।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किमी उत्तर-पूर्व में आया।
भूकंप का केंद्र उस स्थान पर था जहां भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, जिससे हिमालय की ऊंचाई में परिवर्तन हो सकता है।
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के अनुसार, 6.8 तीव्रता का यह भूकंप नेपाल सीमा के पास स्थित डिंगरी काउंटी में सुबह 9:05 बजे (0105 GMT) आया।
चीन ने पुष्टि की कि तिब्बत क्षेत्र में नेपाल सीमा के पास आए इस शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई।
AP की रिपोर्ट के अनुसार, CCTV ने बताया कि भूकंप के केंद्र के 5 किमी (3 मील) के दायरे में कुछ समुदाय स्थित थे, और यह तिब्बत की राजधानी ल्हासा से 380 किमी (240 मील) दूर था।
USGS के अनुसार, सुबह 7 बजे के आसपास 4 से 5 तीव्रता वाले आधा दर्जन झटके एक घंटे के भीतर दर्ज किए गए।
यह भूकंप पिछले पांच वर्षों में 200 किमी के दायरे में दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में करीब 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिसमें पांच लाख से अधिक घर तबाह हो गए थे।
नेपाल एक प्रमुख भूवैज्ञानिक फॉल्टलाइन पर स्थित है, जहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियाई प्लेट से टकराती है।
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