Delhi में 60.5% मतदाताओं ने डाला वोट
2/6/2025


दिल्ली विधानसभा चुनाव में 60.5% मतदान हुआ, जो 2020 की तुलना में थोड़ा कम है।
पूर्वोत्तर दिल्ली के मुस्तफाबाद में सबसे अधिक 69% मतदान हुआ, जबकि महरौली में सबसे कम 53.04% दर्ज किया गया।
बुधवार को हुए इस महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव में दिल्ली के 1.55 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 60.5% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग (ECI) के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, यह 2020 के मुकाबले थोड़ा कम है। आमतौर पर मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद अंतिम आंकड़े जारी किए जाते हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 70 विधानसभा सीटों में सबसे अधिक मतदान मुस्तफाबाद में 69% दर्ज किया गया, जबकि महरौली में सबसे कम 53.04% रहा।
चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) की सभी 70 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण और उत्सवपूर्ण माहौल में मतदान संपन्न हुआ। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला... शाम 6 बजे के बाद जो भी मतदाता कतार में थे, उन्हें मतदान करने की अनुमति दी गई। प्रत्येक मतदान केंद्र पर उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों को मतदान के आंकड़े दिए जाएंगे।"
2020 में 62.82% मतदान हुआ था, जो 2015 के 67.57% के मुकाबले कम था। इन दोनों चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारी जीत दर्ज की थी—2020 में 62 सीटें और 2015 में 67 सीटें। इन चुनावों में बीजेपी को क्रमशः 8 और 3 सीटें मिली थीं। इस बार का मतदान प्रतिशत हालांकि पिछले साल जून में हुए लोकसभा चुनाव (58.78%) से अधिक रहा।
मतदान पैटर्न और क्षेत्रवार विवरण
दिल्ली में ऐतिहासिक रूप से गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत अधिक रहता है, जबकि उच्च मध्यमवर्गीय इलाकों में अपेक्षाकृत कम रहता है।
उदाहरण के लिए, शहरी क्षेत्रों में मतदान कम रहा—नई दिल्ली (56.41%), मालवीय नगर (54%), और ग्रेटर कैलाश (54.5%)। वहीं, 2020 में दंगों से प्रभावित और गरीब आबादी वाले पूर्वोत्तर दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान अधिक रहा—सीलमपुर (68.7%), मुस्तफाबाद (69%) और बाबरपुर (65.99%)।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से फिर चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है।
मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं, जहां 54.59% मतदान हुआ। उनके सामने बीजेपी के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा चुनाव मैदान में हैं।
चुनाव प्रक्रिया और मतदान वृद्धि
चुनाव आयोग ने मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए, जिसमें पिक-अप और ड्रॉप सुविधा, मॉडल बूथ, और ऑनलाइन मतदान केंद्रों की जानकारी जैसी सुविधाएं शामिल थीं।
मतदान के शुरुआती दो घंटे में केवल 8.10% वोटिंग हुई थी, जो धीरे-धीरे बढ़ती गई—सुबह 11 बजे तक 19.95%, दोपहर 1 बजे तक 33.31%, 3 बजे तक 46.55%, 5 बजे तक 57.70%, और रात 11 बजे तक 60.5%। पूर्वोत्तर दिल्ली में सबसे अधिक 66.25% और दक्षिणपूर्व दिल्ली में सबसे कम 56.31% मतदान हुआ।
2020 में सबसे अधिक मतदान बल्लीमारान (71.58%) और सीलमपुर (71.22%) में हुआ था, जबकि सबसे कम दिल्ली कैंटोनमेंट (45.36%) में दर्ज किया गया था।
मुस्तफाबाद और अन्य सीटों पर मुकाबला
मुस्तफाबाद उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक था, जो 2020 के दंगों से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। यहां 2,62,642 मतदाता हैं और चार प्रमुख पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं—
बीजेपी: मोहन सिंह बिष्ट (करावल नगर के वर्तमान विधायक)
AAP: आदिल अहमद खान (पत्रकार से राजनेता बने, अन्ना आंदोलन से जुड़े)
कांग्रेस: अली मेहदी (पूर्व विधायक हसन मेहदी के बेटे)
AIMIM: ताहिर हुसैन (2020 दंगों के आरोपी)
वहीं, करोल बाग, जो अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है, 2020 में 59.6% मतदान दर्ज कर चुकी थी। यहां आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने मौजूदा विधायक विशेष रवि को टिकट दिया है, जिनका मुकाबला बीजेपी के दुष्यंत कुमार गौतम और कांग्रेस के राहुल धानक से है।
विशेष रवि 2013, 2015 और 2020 में लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। यह विधानसभा क्षेत्र झंडेवालान, बापा नगर, देव नगर, नेहरू नगर, बीडनपुरा और रेगरपुरा को कवर करता है और करोल बाग तथा पहाड़गंज जैसे प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों को भी शामिल करता है।
कम मतदान वाले इलाके
हालांकि, आमतौर पर उच्च मतदान दर्ज करने वाले कुछ निम्न आय वर्ग के क्षेत्रों में इस बार अपेक्षाकृत कम मतदान हुआ।
ओखला: 54.9%
कालकाजी: 54.59%
महरौली: 53.04%
तिमारपुर: 55.4%
वजीरपुर: 55.65%
इस चुनाव के नतीजे यह तय करेंगे कि क्या आम आदमी पार्टी सत्ता में बनी रहेगी या बीजेपी और कांग्रेस उसे चुनौती दे पाएंगे।
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