Delhi LG ने 12 फरवरी को सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश घोषित किया | विवरण

2/11/2025

गुरु रविदास
गुरु रविदास

गुरु रविदास 15वीं-16वीं शताब्दी के भारतीय संत-कवि थे, जिन्होंने जातीय असमानता और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ उपदेश दिए।

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 12 फरवरी, बुधवार को गुरु रविदास जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी के सभी सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।

दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल यह घोषणा करते हुए प्रसन्न हैं कि 12 फरवरी, 2025 (बुधवार) को गुरु रविदास जयंती के अवसर पर सभी सरकारी कार्यालयों, स्वायत्त निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों में अवकाश रहेगा।”

आदेश में यह भी जोड़ा गया कि, “गुरु रविदास जयंती के अवसर पर पहले घोषित सीमित अवकाश (रिस्ट्रीक्टेड हॉलिडे), जो अधिसूचना संख्या F.53/689/GAD/CN/2024-25/2018-2064 दिनांक 13/11/2024 के तहत घोषित किया गया था, उसे रद्द किया जाता है।”

कौन थे गुरु रविदास?

गुरु रविदास 15वीं-16वीं शताब्दी के भारतीय संत और कवि थे, जिन्होंने अपनी कविताओं और शिक्षाओं के माध्यम से जातीय असमानता और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई।

वाराणसी में जन्मे गुरु रविदास ने यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति प्रेम और विनम्रता के माध्यम से की जानी चाहिए, न कि कठोर अनुष्ठानों के द्वारा। उनके अनुयायियों को ‘रविदासिया’ कहा जाता है, जो भगवान की भक्ति (भक्ति मार्ग) पर जोर देते हैं और इसमें किसी पुजारी की आवश्यकता नहीं होती।

गुरु रविदास के भजन और उपदेश सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ में शामिल किए गए हैं। उनकी शिक्षाओं का प्रभाव सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक सहित कई सामाजिक सुधारकों पर पड़ा था।

उनकी जयंती को उनके अनुयायी और सिख समुदाय के लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं।

बीजेपी में शामिल हुए प्रमुख सदस्य

गुरु रविदास जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष ब्रह्म प्रकाश बुलाकी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले AAP और कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी जॉइन कर ली।

गुरु रविदास की शोभायात्रा में बोलते हुए बुलाकी ने केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में गरीबों को बुनियादी विकास और शिक्षा देने में सरकार ‘असफल’ रही। इसके विपरीत, उन्होंने मोदी सरकार की पिछड़े वर्गों को समर्थन देने के लिए प्रशंसा की।

समिति ने हर साल होने वाली ‘श्री गुरु रविदास शोभायात्रा’ का आयोजन लाल किला से करोल बाग तक किया।