महाराष्ट्र में शिक्षा सुधारों के तहत स्कूलों में State anthem अनिवार्य

1/15/2025

महाराष्ट्र में शिक्षा सुधारों के तहत स्कूलों में राज्य गान अनिवार्य
महाराष्ट्र में शिक्षा सुधारों के तहत स्कूलों में राज्य गान अनिवार्य

महाराष्ट्र सरकार ने स्कूल शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधारों की घोषणा की है, जिसमें राज्य गान ‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ को सभी स्कूलों में रोजाना की प्रार्थना सभा में गाने को अनिवार्य किया गया है।

शिक्षा सुधारों की नई पहल

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को राज्य की सांस्कृतिक और शैक्षणिक नींव को मजबूत करने के लिए कई बड़े सुधारों की घोषणा की। इनमें स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार से लेकर राज्य गान को अनिवार्य बनाने तक की योजनाएँ शामिल हैं।

छात्रों में राज्य के प्रति गर्व का भाव

महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि राज्य गान को अनिवार्य करने का उद्देश्य छात्रों में ऐतिहासिक और भौगोलिक गर्व की भावना विकसित करना है, जिससे वे अपनी संस्कृति और विरासत से गहराई से जुड़ सकें।

उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा प्रणाली में पहले 100 दिनों में कई महत्वपूर्ण सुधार किए जाएंगे, जिनमें CBSE-आधारित पाठ्यक्रम में स्थानीय संशोधन और स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए रैंकिंग प्रणाली शामिल होगी।

स्मार्ट क्लासरूम और जियो-टैगिंग

सरकार ने प्रत्येक ब्लॉक में एक "क्लस्टर स्कूल" को स्मार्ट क्लासरूम के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है।

इसके अलावा, राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और प्री-प्राइमरी स्कूलों को जियो-टैग किया जाएगा। यह कदम प्रारंभिक शिक्षा को विनियमित करने और इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के ढांचे के अनुरूप बनाने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री का समावेशी शिक्षा पर जोर

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में समावेशी और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया गया।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के छात्रों में अपार संभावनाएं हैं और शिक्षक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इसके साथ ही, स्कूलों और छात्रों का डिजिटल डेटा संग्रह करने का भी निर्देश दिया गया, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके और दोहराव को रोका जा सके।

👉 नए सुधारों से महाराष्ट्र की शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और सुसंगठित बनाने की योजना है, जिससे छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

महाराष्ट्र सरकार शिक्षा के भौतिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी

महाराष्ट्र सरकार शिक्षा के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) फंड्स का सुनियोजन करने की योजना बना रही है। इसके तहत स्कूलों की सुविधाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और छात्रों को अधिक सहूलियतें प्रदान की जाएंगी।

बाइसिकल वितरण योजना जारी रहेगी

सरकार ने छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए सफल बाइसिकल वितरण योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है। यह पहल खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करेगी, जिससे वे स्कूल आसानी से जा सकेंगे और ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी।

बेहतरीन शिक्षकों को रोल मॉडल बनाया जाएगा

शिक्षा में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार असाधारण शिक्षकों की पहचान कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में बढ़ावा देगी। शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों और सामुदायिक नेताओं से अपने क्षेत्रों के स्कूलों को गोद लेने की अपील की, जिससे उनकी सुविधाओं में सुधार और समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।

प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा

सरकार ने ईंट भट्टों और गन्ने के खेतों में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने की योजना भी बनाई है। इस पहल के तहत, ऐसे बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

👉 इन योजनाओं का उद्देश्य महाराष्ट्र की शिक्षा प्रणाली को समावेशी और आधुनिक बनाना है, जिससे हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।