‘आगजनी, पत्थरबाजी, आंसू गैस’: Sambhal की Shahi Jama Masjid सर्वे के दौरान क्या हुआ?

11/24/2024

‘आगजनी, पत्थरबाजी, आंसू गैस’: संभल की शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान क्या हुआ?
‘आगजनी, पत्थरबाजी, आंसू गैस’: संभल की शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान क्या हुआ?

स्थानीय अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि यह मस्जिद हरिहर मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई है।


रविवार सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस ने संभल में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान पुलिस पर पथराव करने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। उपद्रवियों ने कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने बताया कि सर्वे पूरा कर लिया गया और टीम को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

सर्वेक्षण का आदेश और घटना का विवरण

स्थानीय अदालत ने विवादित स्थल की जांच के लिए "एडवोकेट कमिश्नर" द्वारा दूसरे सर्वेक्षण का आदेश दिया था, जो सुबह 7 बजे शुरू हुआ।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने पीटीआई को बताया,
"मौके के पास जुटी भीड़ में से कुछ उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी की। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने हल्का बल और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।"
पुलिस ने कहा कि उपद्रवियों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

जिलाधिकारी राजेंद्र पेसिया ने कहा,
"कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की, लेकिन अब स्थिति शांतिपूर्ण है और सर्वेक्षण जारी है।"

उप मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा,
"सरकार और पुलिस का कर्तव्य है कि वह अदालत के निर्देश का पालन करे। जो भी इसमें बाधा डालेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस सर्वे को लेकर यूपी सरकार की आलोचना की।
एसपी प्रवक्ता अमीक जमी ने कहा,
"संभल पुलिस और प्रशासन बीजेपी के साथ मिलकर एएसआई सर्वे के नाम पर शाही मस्जिद के मामले में लोगों को भड़का रहे हैं। चुनाव खत्म होते ही बीजेपी ने अपना खेल शुरू कर दिया है। यह खेल देश की अखंडता के लिए सही नहीं है।"

मामला क्या है?

सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने यह याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने एडवोकेट कमिशन के माध्यम से मस्जिद का वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे करके रिपोर्ट मांगी थी।
हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने दावा किया कि हरिहर मंदिर का उल्लेख "बाबरनामा" और "आईन-ए-अकबरी" में किया गया है। उनका कहना है कि यह मंदिर 1529 में मुगल बादशाह बाबर द्वारा तोड़ा गया था।