"ये मेरा नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के कंधों से उतरा बोझ है" — दोहा में 90 मीटर पार करने के बाद बोले Neeraj Chopra
5/17/2025


नीरज चोपड़ा ने दोहा में ऐतिहासिक 90 मीटर की दूरी पार करने के बाद कहा कि यह केवल उनका नहीं, बल्कि उन लाखों-करोड़ों भारतीयों का बोझ हल्का करने वाला पल था, जिनमें से कई इस पर संदेह करते थे कि वह कभी 90 मीटर पार कर पाएंगे या नहीं।
नीरज चोपड़ा के लिए ट्रैक पर यह दिन कुछ अलग था। ओलंपिक गोल्ड और सिल्वर, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण, डायमंड लीग और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले नीरज पहली बार एक बड़े टूर्नामेंट में ऐसे उतरे जब मैदान से बाहर की घटनाएं उनके भाले से ज्यादा चर्चा में थीं।
उनके नाम पर आयोजित 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' टूर्नामेंट भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव के चलते रद्द हो गया था। इसी के इर्द-गिर्द पाकिस्तानी ओलंपिक चैंपियन अर्शद नदीम के साथ उनके रिश्तों को लेकर भी कई तीखे सवाल उठे। नीरज को डायमंड लीग से एक दिन पहले सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा कि अब उनके और अर्शद के बीच पहले जैसा रिश्ता नहीं है और वे कभी बहुत करीबी दोस्त नहीं थे।
लेकिन टूर्नामेंट के दिन नीरज ने सभी विवादों को पीछे छोड़ दिया और इतिहास रच दिया। मेहनत, किस्मत और जज्बे का मेल देखने को मिला जब उन्होंने अपने करियर में पहली बार 90 मीटर की दूरी पार की।
27 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने तीसरे प्रयास में भाला 90.23 मीटर तक फेंका और उस एलीट सूची में शामिल हो गए जिसमें उनके कोच चेक गणराज्य के जान जेलेज़नी जैसे दिग्गज शामिल हैं। वे ऐसा कारनामा करने वाले तीसरे एशियाई और कुल 25वें खिलाड़ी बने।
हालांकि, प्रतियोगिता के आखिरी प्रयास में जर्मनी के वेबर ने 91.06 मीटर फेंक कर नीरज से बढ़त छीन ली। इससे पहले तक नीरज पहले स्थान पर थे।
अपने प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए नीरज ने कहा,
"बहुत लोग सवाल करते थे, कई तो ये भी कहते थे कि अब शायद मैं 90 मीटर पार नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मैं 2018 से कोशिश कर रहा था। कई बार 88-89 मीटर तक गया, लेकिन 90 नहीं हुआ। अब जाकर... ये मेरा नहीं, बल्कि पूरे देश के कंधों से बोझ उतरने जैसा है," उन्होंने RevSportz से बातचीत में कहा।
इस बड़ी उपलब्धि के बाद नीरज ने कहा कि अभी उनका सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है और इस साल 90 मीटर से ज्यादा के थ्रो और देखने को मिल सकते हैं, जो पिछले पांच साल से उनके लिए एक अधूरी चाहत बनी हुई थी।
अब जब वे पूरी तरह फिट हैं और आत्मविश्वास से भरे हैं, तो अपने कोच जान जेलेज़नी के मार्गदर्शन में कुछ तकनीकी पहलुओं को और निखारने पर ध्यान दे रहे हैं।
हालांकि जेलेज़नी को पिछले साल नवंबर में कोच नियुक्त किया गया था, नीरज ने बताया कि उन्होंने फरवरी से ही गंभीर ट्रेनिंग शुरू की है।
उन्होंने कहा,
"90 मीटर पार करके बहुत खुशी हुई, लेकिन फिर भी ये अनुभव थोड़ा खट्टा-मीठा रहा क्योंकि जीत से थोड़ा चूक गया। फिर भी मैं और मेरे कोच अभी कुछ पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हमारी साथ में ट्रेनिंग की शुरुआत सिर्फ फरवरी से हुई है। मैं अभी भी बहुत कुछ सीख रहा हूं।"
पिछले कुछ वर्षों में चोट की वजह से वह अपना पूरा प्रदर्शन नहीं दे पाए थे। उन्होंने बताया,
"पिछले कुछ वर्षों में मुझे ग्रोइन में तकलीफ रहती थी, जिससे मैं पूरी ताकत से नहीं फेंक पा रहा था। लेकिन इस साल मैं खुद को काफी बेहतर महसूस कर रहा हूं और हमें अभी कुछ तकनीकी हिस्सों पर और काम करना है। मुझे भरोसा है कि इस साल होने वाली आगामी प्रतियोगिताओं, खासकर वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले मैं और बेहतर कर सकूंगा।"
वर्ल्ड चैंपियनशिप इस साल 13 से 21 सितंबर तक टोक्यो में आयोजित होगी।
जब नीरज से पूछा गया कि अब उनका अगला लक्ष्य क्या है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
"अब अगला लक्ष्य तो बस 90 मीटर ही है… लेकिन अब मैं और आगे फेंकने के लिए तैयार हूं। ये तो बस शुरुआत है, अभी लंबा सीजन बाकी है।"
उन्होंने अंत में कहा,
"मैं बहुत खुश हूं कि जान जेलेज़नी मेरे कोच हैं। हमने दक्षिण अफ्रीका में काफी मेहनत की है और अब भी कुछ पहलुओं पर काम जारी है।"
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