SC Said On Yogis Bulldoze सुप्रीम कोर्ट - किसी आरोपी का घर बुलडोजर से गिराया नहीं जा सकता।
9/4/2024
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि किसी आरोपी का घर बुलडोजर से गिराया नहीं जा सकता।
अदालत ने इस पर जोर दिया कि कानून के अनुसार किसी भी कार्रवाई का पालन करना आवश्यक है, और किसी आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के बिना सजा देना कानून के सिद्धांतों के खिलाफ है।
यह निर्णय उस मामले में आया है जिसमें कुछ राज्य सरकारें आरोपी व्यक्तियों के घरों को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई कर रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी कार्रवाई को केवल अदालत के आदेश या उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत ही अंजाम दिया जा सकता है।
न्यायालय ने राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि वे इस प्रकार की कार्रवाई करने से बचें, और आरोपी व्यक्तियों के अधिकारों का सम्मान करें। अदालत ने यह भी कहा कि कानून का पालन करते हुए किसी भी आरोपी के साथ कानून सम्मत तरीके से ही निपटना चाहिए, और अगर कोई कार्रवाई की जाती है तो उसका कानूनी आधार होना चाहिए।
इस फैसले का असर उन राज्यों पर पड़ेगा जहां सरकारें बुलडोजर का उपयोग कर आरोपियों के घर गिरा रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसी किसी भी कार्रवाई के लिए उचित प्रक्रिया और कानूनी मंजूरी आवश्यक है, और कानून के दायरे में रहते हुए ही कार्रवाई की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न केवल आरोपी व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कानून के शासन और न्यायिक प्रक्रिया के महत्व को भी रेखांकित करता है। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने या सजा देने का अधिकार केवल न्यायालय के पास है, और बिना न्यायिक प्रक्रिया के किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करना असंवैधानिक है।
इस मामले में अदालत ने यह भी कहा कि अगर किसी आरोपी पर कोई अपराध साबित होता है, तो उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन वह भी उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होनी चाहिए। बिना अदालत के आदेश के किसी का घर गिराना या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया कि वे कानून का पालन करते हुए ही किसी भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करें। अदालत ने यह भी चेतावनी दी कि अगर किसी राज्य ने न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए कार्रवाई की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
यह फैसला उन व्यक्तियों के लिए राहत लेकर आया है जिनके घर या संपत्ति को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के गिराया गया था। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, और किसी भी कार्रवाई को केवल न्याय के दायरे में रहते हुए ही अंजाम दिया जाना चाहिए।
Image Source - India Today, India.com
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